वो लम्हे याद आते है..

बाते नही कुछ ज्यादा पुरानी..पर लगता है, सालो से चल रहा सिलसिला है।

भूलना चाहू या यूँ कहे की मन को बहलाना चाहू। छोड़ो भी ये अब हमसे नही होता।